अपने भीतर जाने का द्वार बहुत सूक्ष्म है।
इसमें बड़ा बनकर नहीं छोटा, तुच्छ, सहज और समर्पित होकर ही प्रविष्ट हुआ जा सकता है।
यदि नाराज़गी, संदेह, बेचैनी और सवालों के बड़े बड़े बोझ लादे रहोगे तो अपने भीतर कभी न जा सकोगे और साधना के अप्रतिम अनुभव से वंचित रह जाओगे।
-Saddguru Shri
- जय सदगुरुश्री।
जयगुरुदेव। - Jai Gurudev 🙏🏼
- jaigurudev
- Satguru jaigurudev mere malik
- Jay Saddguru Shri Param Pita.
🙏🏻❤️🌹