आज तुम्हें अमोलक परमार्थी धन मुफ़्त में मिल रहा है तो तुम्हेंसदगुरु और उसकेबेशक़ीमती ख़ज़ाने की कद्र नही है।तुम उस पर संदेह करतेरहते हो।
पर ध्यान रहे कि ये समय बदल जाएगा और यह दुर्लभ अवसरमुट्ठी की रेत की तरह फिसल जाएगा।
बाद में चिल्लाते रहना। समय गुजरने के बाद किसी भी कीमत पर यह दया और ये लम्हा…
