इज़्ज़त, आदर और प्रेम को ज़बरदस्ती नहीं पाया जा सकता। इसे यदि ज़िद से या बलपूर्वक हासिल करने की चेष्टा करोगे, तो रही सही प्रतिष्ठा भी गँवा दोगे और उपहास या घृणा के पात्र बन जाओगे। मान-सम्मान प्राप्ति के सूत्र तो तुम्हारे स्वयं के आचरण और कर्मों में छिपे हैं। सहनशील बनकर जो दोगे सिर्फ़ वही पाओगे।
-सदगुरुश्री
- Jai gurudev
- जयगुरुदेव
- जय सदगुरुश्री परमात्मा।
आपको लाखों प्रणाम।
🙏🏻🌺 - Jay gurudev
- जय गुरुदेव प्रणाम सदगुरु श्री सरकार