इस जगत में सब कुछ अस्थायी है। आप यहां मुसाफ़िर हो। महज़ एक यात्री।आप अमर नहीं हो। जब यात्रा का एक राउंड, एक वर्तुल पूरा होगा, तो आपको लौट जाना पड़ेगा। आपकी देह नष्ट हो जायेगी। आपने यहां जो कुछ भी जोड़ा.. जमा किया, सब यही छूट जायेगा। पर कर्म के फल चिपक जायेंगे।जिसे हज़ारों लाखों जन्मों मे भोगना पड़ेगा।आँखें मूंद लेने से सत्य नही बदलेगा।
-सदगुरुश्री



  • सतगुरु जय गुरुदेव कोटी कोटी प्रणम मेरे सतगुरु की चरणो मे 🌺🌺🌺👏👏👏
  • जयगुरुदेव
  • जय सदगुरुश्री भगवान।
    आपको कोटि कोटि प्रणाम।
    🙏🏻🌸
  • जयगुरुदेव💐
  • Jai gurudev.

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