ईश्वर के ऊपर पाँच तत्वों का कारण जगत है।
वहाँ त्रिकुटी है।
त्रिकुटी के तीन केंद्र हैं।
गगन, महागगन और गुरुत्व धाम।
सामान्य रूप से महागगन को ही त्रिकुटी कहते है।
यहाँ लाल रंग का आकाश है।
यही मुसल्लसी भी हैं, आलमे-लाहूत और अर्श-ए-अज़ीज़ भी।
त्रिकुटी का उच्च शिखर ही द्वारिका है।
यहाँ के मालिक ही…
