ईश्वर जहां निवास करते हैं वो विशाल चमचमाता लोक है,
जिसे सहसदल कँवल कहते हैं।
बौद्धों का यही निर्वाण पद है,
यही साकेत है,
तुरीयपद है,
वास्तविक अयोध्या है,
कैवल्य पद है,
ईश्वरीय चरण है।
इसके ऊपरी मुहाने पर सुन्न शिखर है।
वहाँ एक आकर्षक ज्योत में ईश्वर आसीन हैं, …
