कूष्माण्डा अनाहत चक्र यानी ह्रदय चक्र पर गतिशील ऊर्जा का नाम है। इसके हाथ के शस्त्र, कमंडल, पुष्प,अमृत कलश, चक्र व गदा के साथ धनुष-बाण अनेक रास्तों से समस्त सिद्धियों और निधियों को समेट कर स्वयं को ऊपर की ओर एक लक्ष्य पर खींचकर अपने परम तत्व ने विलीन होने के लिए अग्रसर होने का संकेत देते हैं।
-सदगुरुश्री


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