जब तक तुम्हारे अंदर निवेदन व समर्पण का भाव नहीं होगा तब तुम सदगुरु की दया का स्पष्ट साक्षात्कार न कर सकोगे।जब तुम नियमित रूप ध्यान-भजन में फ़रियाद करोगे, गुहार लगाओगे तो सदगुरु की मेहर से शनैः शनैः तुम्हारे पिछले कर्मों की परतें दरकने लगेंगी सरकने लगेंगी और कर्मों के जखीरे जलने लगेंगे। तब जाकर तुम सदगुरु की वास्तविक हैसियत का अनुभव कर सकोगे।उसके पहले तो संभव ही नहीं है।



  • सतगुरु जय गुरुदेव कोटी कोटी प्रणम मेरे सतगुरु की चरणो मे
  • जय सदगुरुश्री सरकार
    कोटि कोटि प्रणाम।
  • जयगुरूदेव
  • जय सदगुरुश्री परमात्मा
    चरणों में प्रणाम।
    🙏🏻🌺🌹
  • 🙏🙏

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