जयगुरुदेव
वो हर लिहाज़ से तुझमे ही कहीं बसती है,
तू धड़कता है दिल मे उसके धड़कन बनकर
आज फिर रूबरू हूँ, कल की अधूरी बात को पूरा करने, एक बेटे के अधूरे ख़्वाब को पूरा करने और एक माँ की अपने भगवान के लिये अनवरत चल रही पूजा को शब्दों के पुष्प देने के लिये मैं आज फिर आप सबके समक्ष हूँ।
अब तक तो…