जयगुरुदेव।

तुम इबादत किस भाषा और किस पद्धति से करते हो, ये अनिवार्य नहीं है। तुम्हारी पूजन की सामग्री में क्या हो क्या न हो, इसका भी कोई अर्थ नहीं है। तुम जूते उतार कर प्रार्थना करते हो या पहन कर, दरअसल ये भी बेमानी है। ज़रूरी तो ये है, कि तुम इबादत में स्वयं से कनेक्ट होते हो या नहीं। तुम पूजा में…

More


Leave a comment