जयगुरुदेव।
आध्यात्म और सामाजिक बदलाव दो पृथक पृथक स्थितियाँ हैं। परोक्ष सम्बंध भले ही हो, कोई सीधा रिश्ता नहीं है। संतों से ज़्यादा सामाजिक क्रांति के सुर किसी और नें मुखर नहीं किये। पर प्रत्यक्ष रूप से ऐसा नहीं दिखता। अतीत के संतों से लेकर आज के मेरे संत सदगुरु तक, किसी को भी सीधी सामाजिक क्रांति…