जयगुरुदेव.
आप धरती पर गुरुत्व शक्ति से चलायमान हो, सदगुरु की ही उर्जा से गतिशील हो। जिसे आप ग्रेविटी कहते हो, जिसे आप गुरुत्व शक्ति समझते हो, वही तो आपके गुरु की ताक़त है, जो आपको पल पल सम्हाले हुई है, हर पल थामे हुई है. अगर आपका गुरु और उसकी उर्जा आपके साथ ना होते तो आप कहीं ना होते, कहीं के भी ना…