तुम्हारी आज की हालत तुम्हारे उन कर्मों के कारण है जो तुम्हारी काया, वाणी और विचारों से जन्मे हैं।
अगर तुम गुरुमुखी हो जाओ तो तुम्हारे नवीन कर्म तत्काल क़ाबू में आ जाएँगे और पुराने कर्म गुरु की मेहर से जल के भस्म हो जाएँगे।
पर ध्यान रहे कि मनमुखी होकर गुरुमुखी होने का अभिनय कोई लाभ नही दे सकेगा। इससे तो तुम काल के जाल में और बुरी तरह से उलझ जाओगे।
-परम पूज्य सदगुरुश्री..