तुम गुरु को जो कुछ भी अर्पित करते हो वही तो अनंतों गुना पाते हो। सूक्ष्म दोगे, विशाल पहाड़ वापस मिलेगा। श्रद्धा दोगे, भक्ति बढ़ेगी। प्रेम दोगे, मुक्ति मिलेगी। धन-धान्य चढ़ाओगे, भौतिक आनन्द पाओगे। स्वयं को दोगे, निर्मुक्त हो जाओगे। संदेह दोगे तो शंका के मकड़-जाल में उलझ जाओगे, फलस्वरूप नए खाते का…