तुम पहले तो जन्मों के कर्मों के ज़ख़ीरे और मैल को क्षण में नष्ट होने की अजीब कामना करते हो।
स्वयं को ढेरों झमेले में उलझाए रहते हो।
ख़ुद को जगत में बांधे रखते हो।
ज़ेहन में सैकड़ों सवाल और सन्देह का बोझ रखते हो।
फिर मन के हाथों फंस कर सदगुरु से ख़ुद ही नाराज़ हो जाते हो और कहते हो कि साधन-भजन में अनुभव नहीं हो रहा है।
कमाल है न?
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- Jai Gurudev Naam Prabhu Ka Jai Gurudev
- 🙏🙏🙏🙏🙏
- Jai guru dew
- Jaigurudev
Bilkul sahi bat