तुम मुझसे खेल मत खेलो।
तुम जो कहते हो, वो भी देखता हूँ। जो नही कहते हो, वो भी देखता हूँ।
जो दिखाते हो, वो भी देखता हूँ।
जो छुपाते हो, वो भी देखता हूँ।
तुम्हारा सोचा हुआ भी देखता हूँ।
जो तुम न सोच सके वो भी देखता हूँ।
तुम्हारी चालाकी और छल को भी देखता हूँ।
तुम्हारी कैफ़ियत और मासूमियत को भी देखता हूँ।

-परम पूज्य सदगुरुश्री


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