तुम सदगुरु से वो नहीं चाहते हो, जो तुम्हारे लिए बेहतर है।
बल्कि उनसे तुम वो माँगते हो और उनके श्रीमुख से वही सुनना चाहते हो जो तुम्हारा मन चाहता है।
भले ही वो तुम्हारे लिए उपयुक्त हो या न हो। ये तो सरासर नादानी है तुम्हारी।
बेवक़ूफ़ी है।
-Saddguru Shri..



  • जयगुरुदेव
  • जय सदगुरुश्री परमात्मा
    कोटि कोटि प्रणाम।
    🙏🏻🌺♥️
  • जयगुरुदेव
  • Jay Gurudev
  • जयगुरुदेव
    जय सदगुरुश्री।

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