यदि तुम समझते हो कि सदगुरु को तुम्हारी सेवा या धन चाहिए तो तुम भारी भूल कर रहे हो।
सदगुरु तो स्वयं में अनन्त ख़ज़ाने का स्रोत है।अतुलनीय कृपा का भंडार है।
यदि वह तुम्हारा कोई भी आग्रह या धन स्वीकार कर रहा है तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें ही कृतार्थ कर रहा है।तुम्हारे हर ज़र्रे को तुम्हें ब्याज सहित लौटाने के लिए उसने अपने पास तुम्हारा खाता खोल लिया।
जयगुरुदेव।



  • Jai gurudev
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  • सत्य वचन
  • जय सदगुरुश्री🙏🏻
  • जय सदगुरुश्री
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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