तुम नही तुम्हारी देह जन्मी है।
जो पैदा हुआ है वो फ़ना होगा ही। पर तुम नही मिटोगे।
रहोगे। सदा। सर्वदा।
मेरी भी देह उत्पन्न हुई है। कल मिट ही जाएगी।
पर ध्यान रखना, मैं था, हूँ, और रहूँगा। तुममें। तुम्हारे भीतर।
यत्र-तत्र-सर्वत्र।
तुम मेरे हो। मैं तुम्हारा हूँ।
समय रहते स्वयं का और मेरा बोध कर लो, सब कुछ जान लो तो अच्छा है।
वरना बाद में हाथ मलोगे।

-परम पूज्य सदगुरुश्री.. See More

सवाल-जवाब : सही द‍िशा में न‍िरंतर प्रयास करना ही उच‍ित है, इसका कोई व‍िकल्‍प नहीं

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