सहसदल एक विशाल चमचमाता सा लोक है।
इसके एक एक दल बेहद अनूठे, खूबसूरत और विशाल हैं। अनोखी कसीदाकारी है हर लोक में।
बेजोड़।
हर दल स्वयं में एक कार्यालय है।
सहसदल वह धाम है, जहां प्रथम धनी विराजते हैं।
जिसे समय कहते हैं।
यही वक्त भी हैं और काल भी। इन्हें ही ईश्वर कहते हैं।
यही तीर्थंकर हैं और यही son of…

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