जो सदगुरु की दया, सत्संग और दर्शन को स्वयं तक समेट कर रखना चाहते हैं, वो गुरु की कृपा का पूर्ण लाभ नहीं ले पाते।
जो गुरु की मेहर, दया और संदेशों के बीजों को जगत में बिखेरते हैं, वो सदगुरु और प्रभु की विशेष कृपा के भागी बनकर लौकिक और पारलौकिक आनन्द को भोगते हुए अपने निजधाम लौट जाते हैं।
- जय गुरुदेव
- जय सदगुरुश्री सरकार।
जयगुरुदेव।
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- Jaigurudev 🙏🙏
- जयगुरुदेव