सुरतों यानी जीवात्माओं का छोटा सा ख़ज़ाना एक धारा के रूप में उतारा गया।
नीचे आती धारा के विपरीत जीवन-मरण के चक्र से मुक्त होकर अपने धाम लौट कर अपने पिया, अपने प्रभु में मिल जाना ही राधा है।
यानी ऊपर लौटती सुरत ही राधा है और सत्तपिता उसका स्वामी।
-Saddguru Shri..



  • Jay gurudev
  • Koti Naman Saddguru Shri Prabhu🙏🏻💕🌺
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