क्या तुम सच में सत्संगी हो? क्योंकि सत्संगी का अर्थ है जो अपने अंतर में हर क्षण,हर पल, हर साँस पर सत्त का संग महसूस करे। जो नाम के रंग में रंग गया हो, रम गया हो, मिट गया हो। नाम में खो गया हो। अगर तुम सत्संगी हो तो बताओ कि तुम कौन हो और बताओ कि मैं कौन हूँ। जब तुम स्वयं को नहीं जान सके तो मुझे क्या ख़ाक पहचानोगे?
-सदगुरुश्री



  • सादर सतगुरु जय गुरुदेव कोटी कोटी प्रणम मेरे सतगुरु की चरणो मे 👏👏👏👏👏🌹🌹
  • Jai Gurudev!!🙏🙏🙏
  • 🙏💐
  • 🙏🙏
  • 🙏

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