तुम प्रभु का अंश हो लिहाज़ा कम शक्तिशाली नहीं हो पर तुम बाहर की अर्थहीन गतिविधियों से इस कदर जुड़ गये कि अपने अंदर जाकर उन शब्दों को सुनना ही भूल गये, जो तुम्हारा आधार हैं, मूल है।इसीलिए तुम्हे अन्तर के शब्द, वेद वाणी, अनहद ध्वनि, आकाशवाणी, खुदा की आसमानी आवाज़ें सुनाई नहीं देती है। जो बह रही हैं तुम्हारे भीतर। हर पल। हर क्षण।



  • Jai Gurudev!!
  • 🙏🙏
  • !!💐जय गुरुदेव💐!!
    !!💐जय सदगुरु श्री💐!!
  • Jay Gurudev Mali
  • Jai guru Dev

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