तुम्हारा एक और जीवन निरुद्देश्य व्यर्थ होने की राह पर है और तुम इस फेर में पड़े हुए हो कि मैं सच्चा हूँ या झूठा? बड़े मूर्ख हो भाई।
अरे, मैं डंके की चोट पर कहता हूँ कि तुम मुझे चाहे जितना आज़मा लो, मैं तो तुम्हारे हर इम्तहान में जीत ही जाऊँगा, पर अफ़सोस कि तुम तो अपने अनमोल जीवन की बाज़ी हारने कगार पर हो।
-सदगुरुश्री


  • ⚘🌅🎇सद्गुरू जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ⚘⚘⚘
  • जयगुरुदेव मेरे प्यारे पूरे सद्गुरु श्री
  • जयगुरुदेव💐💐
  • जयगुरुदेव प्रणाम सद्गुरू दयाल
  • आपको आज़माने के लिए क्षमा चाहते हैं दयाल।
    बाद गुरु महाराज की और आपकी दया चाहते हैं मालिक।
    🙏🏻

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