संदेह तेज़ाब है। यह सारे रिश्ते-नातों को नष्ट कर लौकिकता को तो छीन ही लेता है, अंतर के आकाश को भी मलीन करके आध्यात्म के पवित्र पथ से भी विमुख कर देता है।
-सदगुरुshri..


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