आध्यात्म का तुम्हारे भीतर उठते सवालों से कोई सरोकार है ही नहीं। प्रश्न और तर्क बुद्धि से पैदा होते है और बुद्धी तो मन, चित्त और अहंकार के साथ अंतःकरण का हिस्सा है। रूहानियत व आध्यात्म का रिश्ता तो प्रेम से है, समर्पण से है, भाव से है। बार बार उमड़ते सवाल सूचक हैं कि अंतःकरण का खेल चल रहा है।और तुम…

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