तुमने गुरु को कोई संसारिक ठेकेदार समझ लिया।जो तुम्हारे सारे दुनियावी काम करे।ब्याह-शादी,प्रमोशन व कारोबारी लाभ कराए। इम्तिहान में पास कराए। तुम्हारे फँसे हुए धन की वसूली करे।
शुभकामनाएं भेजे।
रोज़ हाल-चाल व ख़ैरियत पूछे।
तुम्हारे लिए तो यही है कृपा का पैमाना न।
तुम्हें बाहरी सब तो दिखता है पर अंतर…

More


Leave a comment