टंकी और कुँए में फ़र्क़ है। टंकी के लिए तुम बाहर से पत्थर, गिट्टी और मिट्टी लाते हो और दीवार बनाते हो। पर कुँए के लिए तुम अंदर के पत्थर और मिट्टी को बाहर फेंकते हो। टंकी में रखा पानी एक दिन सड़ जाता है क्योंकि पानी उसका नहीं है। पर कुँए का पानी तो सदैव निर्मल रहता है।
उतरो ध्यान भजन में अपने भीतर और…