अगर आप समझते हैं कि आपका भाग्य कोई ईश्वर लिखता है, जिसने आपका भाग्य खराब लिखा, दूसरे का अच्छा, तो ये सोच गलत है।
आपके कष्टों के कारण आप हैं न कि ईश्वरीय सत्ता।
अपनी तकदीर के मालिक आप हैं।
आपके पिछले कर्म प्रारब्ध बनकर आज का भाग्य बन गए।
और आज के कर्म कल का नसीब लिखेंगे।
आज अच्छा करो या बुरा ये तो…
