May 8, 2020आज तुम कर्मों के जिस मकड़ जाल में फँस कर चिल्ला रहे हो ये जाल किसी और ने नही, तुमने खुद ही अपने लिए बुने हैं। अगर तुम आज कर्मों के इस खेल को नही समझ सके तो फिर तुम्हें कोई न बचा सकेगा। -परम पूज्य सदगुरुश्री