जो वस्तु आसानी से मिल जाती है उसकी क़ीमत नहीं होती। और जब खो जाती है तो सोने जैसी लगती है।
आज मैं अमोलक दौलत मुफ़्त में बाँट रहा हूँ, इसलिए तुम्हें मेरी क़द्र न हो शायद। पर याद रखना कि बाद में पागलों की तरह भी ढूँढोगे, रोओगे, चिल्लाओगे या मेरी मूर्ति पर दूध-दही चढ़ाओगे, तो भी कुछ हासिल नहीं होगा।
-सदगुरुश्री
- आपने तो रुला दिया मुझे।
ऐसा मत कहिए। गुरु महाराज दिखते नहीं, और आप जब उनकी याद दिलाते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। हमें आपकी बहुत ज़रूरत है।
सादर प्रणाम।
जयगुरुदेव। - 🙏🙏
- जय सदगुरुश्री।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
- जय सदगुरुश्री।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
- Jai Saddguru Shri Prabhu 🙏🏻💕🌺