कूष्माण्डा अनाहत चक्र यानी ह्रदय चक्र पर गतिशील ऊर्जा का नाम है। इसके हाथ के शस्त्र, कमंडल, पुष्प,अमृत कलश, चक्र व गदा के साथ धनुष-बाण अनेक रास्तों से समस्त सिद्धियों और निधियों को समेट कर स्वयं को ऊपर की ओर एक लक्ष्य पर खींचकर अपने परम तत्व ने विलीन होने के लिए अग्रसर होने का…
तुम्हारा एक और जीवन निरुद्देश्य व्यर्थ होने की राह पर है और तुम इस फेर में पड़े हुए हो कि मैं सच्चा हूँ या झूठा? बड़े मूर्ख हो भाई।अरे, मैं डंके की चोट पर कहता हूँ कि तुम मुझे चाहे जितना आज़मा लो, मैं तो तुम्हारे हर इम्तहान में जीत ही जाऊँगा, पर अफ़सोस कि…
हमारे मणिपुर चक्र (नाभि चक्र) की ऊर्जा चंद्रघंटा जीवन के ढेरों सुगंधों और ब्रम्हाण्डिय ध्वनियों (जिन्हें आध्यात्म में शब्द, नाद, आसमानी आवाज़, सबद और words कहा जाता है) के साथ अपने हस्त के बंद कमल के रूप में कीचड़ में भी पवित्रता व स्निग्धता बनाए हुए अनेकानेक लक्ष्यों से विमुख होकर पूर्ण एकाग्रता के…More
Albumव्रत, पर्व, त्योहार, उपासनाब्रह्मचारिणी अपनी कमंडल यानि पूर्व कर्म या प्रारब्ध और माला अर्थात् नवीन कर्म के साथ कुंडलिनी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए कहीं बाहर नहीं, बल्कि आपके भीतर आपके स्वाधिष्ठान चक्र पर विराजमान आपकी ही शक्ति हैं।-सदगुरुश्री·
His Holiness Saddguru Shri in Hyderabad, Monday 30th September 2019.
विनय करूँ मैं दोऊ कर जोड़, first devotional composition मालिक एवं साहेब के चरणों में समर्पित🙏🙏
क्या आप जानते हैं कि कौन हैं गणपति? कहाँ रहते हैं? क्या करते हैं? समस्त गणों यानी इंद्रियों के अधिपति हैं महागणाधिपति. आदि देव गणेश जल तत्व के प्रतीक हैं. विनायक कहीं बाहर नही हमारे भीतर, सिर्फ़ हमारे अंतर्मन मे ही विराजते हैं. हमारे मूलाधार चक्र पर ही उनका स्थाई आवास है. मूलाधार चक्र हमारे…
जयगुरुदेव महासत्संग परम पूज्य सदगुरुश्री के पावन सानिध्य में। गुरुधाम से Live
Saddguru Shri added a new photo.
क्या गणेश चतुर्थी पर चन्द्र दर्शन से लगता है कलंक? जाने परम पूज्य सदगुरुश्री से। http://epaper.navbharattimes.com/details/57017-21758196-1.html