Navbharat Times Mumbai Sunday, 19th May 2019 http://epaper.navbharattimes.com/details/35078-141310909-1.html


https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/others/astro-and-spirituality-related-answer-and-remedy-by-sadguru-swami-anand-ji-48-60462/सवाल जवाब: जाने क्या है समृद्ध होने का सूत्र और किस तरह नष्ट करें आंतरिक भयसप्ताह का ज्ञान यदि भाइयों से मनमुटाव रहता हो, दोस्त दुश्मनों की तरह व्यवहार करते हो, शरीर में आलस्य रहता हो, दिन मे…..

https://www.prabhatkhabar.com/news/jyotish-paramarsh/jyotish-paramarsh-jyotish-paramarsh-sadguru-swami-anand-ji-astrology/1285294.htmlज्योतिषीय समाधान: साढ़ेसाती क्या कोई बुरा योग है? जानें क्या कहते हैं सद्गुरु स्वामी आनंद जीसद्गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर…

बुद्ध शब्द बोध से बना है। बोध यानी परिचय। ज्ञान। किसका? स्वयं का। क्यों? क्योंकि हमारे भीतर अतुलनीय ख़ज़ाना छिपा है। बुद्ध आत्मबोध की एक अवस्था है। बुद्ध और महावीर किसी अन्य लोक से नहीं आते। वो हमसब के ही मध्य से प्रकट होते हैं। यदि तुम इस सूत्र को समझ जाओ तो तुम आज…

तुम जिसे समृद्धि व सुख मानते हो, सदगुरु की दृष्टि में वो धूल मिट्टी के सिवा कुछ भी नहीं। जैसे बच्चे समंदर के किनारों पर कौड़ियाँ व सीपियाँ बीनते हैं और रेत पर महल बनाते हैं। जैसे चींटियाँ शक्कर के एक दाने को क़ीमती समझती है। जैसे सुअर मल-मूत्र तथा कीचड़ को समृद्धि मानता है।…

Jaigurudev Jai guru Dev 🙏 jai Jai Saddguru Shri Prabhu 🙏🏻💕🌺Jai GuruDev 🙏🏻💕🌺 🙏🙏🙏❤️🌹 Jaigurudev 🙏🙏

चुनाव के परिणाम देश-दुनिया को चौंका देंगे। -सदगुरुश्री

Saddguru added a new photo.

तुम सदगुरु की कृपा को सिर्फ़ भौतिकता से जोड़ कर देखते हो, पदार्थ से जोड़ कर देखते हो। ये तो बेहद ग़लत पैमाना है, उलटा माप दंड है उसकी दया दृष्टि मापनें का। बेहद अधूरा। -सदगुरुश्री

प्रभु और सदगुरु ने तुम्हें जो दिया है तुम उसके लिए उन्हें धन्यवाद नहीं देते, शुक्रिया अदा नहीं करते। बस जो नहीं मिल सका, उसका रोना रोते हो, उसकी शिकायत करते हो। ये तो अहसानफ़रामोशी है। -सदगुरुश्री