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बिना हासिल किए किसी को कुछ भी देना संभव नही है।

बिना हासिल किए किसी को कुछ भी देना संभव नही है।

बिना हासिल किए किसी को कुछ भी देना संभव नही है। जैसे तुम्हारे पास खुद के लिए पर्याप्त धन न हो,और लगे बाँटने, तो क़र्ज़ा हो जाएगा और दिवालिया हो जाओगे। इसी प्रकार साधना में बिना कहीं पहुँचे, अनावश्यक सीख, नसीहत और प्रवचन सिर्फ़ ऐसी कोरी बकबक है जिससे किसी को कुछ प्राप्त तो नही…

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तुम मुझसे खेल मत खेलो।

तुम मुझसे खेल मत खेलो।

तुम मुझसे खेल मत खेलो। तुम जो कहते हो, वो भी देखता हूँ। जो नही कहते हो, वो भी देखता हूँ। जो दिखाते हो, वो भी देखता हूँ। जो छुपाते हो, वो भी देखता हूँ। तुम्हारा सोचा हुआ भी देखता हूँ। जो तुम न सोच सके वो भी देखता हूँ। तुम्हारी चालाकी और छल को…

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तुम्हें अपने कर्मों का न बोध है न नियंत्रण। और तुम चाहते हो कि सब तुम्हारे हिसाब से …

तुम्हें अपने कर्मों का न बोध है न नियंत्रण। और तुम चाहते हो कि सब तुम्हारे हिसाब से …

तुम्हें अपने कर्मों का न बोध है न नियंत्रण। और तुम चाहते हो कि सब तुम्हारे हिसाब से हो। क्यों हो? दूसरों पर मन, वचन और काया से आक्रमण करके तुम बड़े नही छोटे हो रहे हो। गुरु मन पढ़ कर तुम्हारे कर्मों का सच सामने रख दे तो तुम्हें पीड़ा होती है। ग़ज़ब का…

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सदगुरु वही कहेगा, जो सत्य है और तुम्हारे हित में है।

सदगुरु वही कहेगा, जो सत्य है और तुम्हारे हित में है।

सदगुरु वही कहेगा, जो सत्य है और तुम्हारे हित में है। एक बात समझ लो कि सदगुरु से बड़ा तुम्हारा हितैषी जगत में कोई भी नही है। अगर तुम्हें उसकी बात बुरी लगती है, तो लगती रहे। पर जो सच्चाई है, वो तो उसे बताना ही होगा। दर्पण को दोष मत दो,चेहरे से धूल साफ़…

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People are in a lot of confusion.

People are in a lot of confusion.

They do not know that when there is a flame from the sadguru and the door is connected with the name, then the reflection of the Lord of the souls is with them and then not the five, all the rich people do not stop the suratōṁ and help them like the guru. . -…

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अगर आप समझते हैं कि आपका भाग्य कोई ईश्वर लिखता है, जिसने आपका भाग्य खराब लिखा, दूसरे…

अगर आप समझते हैं कि आपका भाग्य कोई ईश्वर लिखता है, जिसने आपका भाग्य खराब लिखा, दूसरे…

अगर आप समझते हैं कि आपका भाग्य कोई ईश्वर लिखता है, जिसने आपका भाग्य खराब लिखा, दूसरे का अच्छा, तो ये सोच गलत है। आपके कष्टों के कारण आप हैं न कि ईश्वरीय सत्ता। अपनी तकदीर के मालिक आप हैं। आपके पिछले कर्म प्रारब्ध बनकर आज का भाग्य बन गए। और आज के कर्म कल…

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