अगर तुम्हें लगता है कि तुम पर गुरुकृपा की बरसात नही हो रही है तो ज़रा अपने विचारों और कर्मों के उलटे पड़े मटके को सीधा करके तो देखो। -परम पूज्य सदगुरुश्री


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आज तुम्हें अमोलक परमार्थी धन मुफ़्त में मिल रहा है तो तुम्हेंसदगुरु और उसकेबेशक़ीमती ख़ज़ाने की कद्र नही है।तुम उस पर संदेह करतेरहते हो। पर ध्यान रहे कि ये समय बदल जाएगा और यह दुर्लभ अवसरमुट्ठी की रेत की तरह फिसल जाएगा। बाद में चिल्लाते रहना। समय गुजरने के बाद किसी भी कीमत पर यह…

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साधना के समय विचारशून्यता ज़रूरी है। जब तक अंदर खालीपन ना होगा, पात्रता विकसित न होगी। बाहरी दीवार नही, अंदर का खालीपन पात्रता है। आप जितना कम जानेंगे,पात्रता उतनी ही अधिक होती जाएगी। अधिक जानने का प्रयास आपको अपात्र बना देगा। अगर आपके भीतर भारी-भरकम ज्ञान-विज्ञान भर दिए जायें तो ये वैसा ही होगा… More

एक फकीर श्मशान में दो चिताओं को गौर से निहार रहा था। किसी ने पूछा कि बाबा क्या देख रहे हो। फ़क़ीर गंभीर होकर बोला कि दाहिनी चिता एक सेठ की है, जिसने जीवन भर महंगे से महंगे पदार्थ खाए। कीमती से कीमती वस्त्र और आभूषण पहने। बायीं चिता एक गरीब की है। जिसे जीवन…

The God of this world, the death of the world, has revealed to himself the ard’dhacētanā, the This is the black. Mahakali. Kaal and Kali. Black is not a black goddess. The male man who is in the throat of Kali is all of you. And in the door where all the men are tied…

आप जब किसी छोटी बड़ी यात्रा पर जाते हो, तो रेल या फ़्लाइट का टिकट, होटल और टैक्सी सब पहले से ही बुक करते हो। उसके बाद आप सामान पैक करते हो। तब सफ़र पर निकलते हो। पर एक दिन आपको जीवन भर की सारी दौलत, रिश्ते-नाते, मरासिम-अदावत के साथ अपनी देह तक सब कुछ…

सतयुग में सुरत (आत्मा) की निरत यानी नियंत्रण सेतसुन्न में होती है। त्रेता में ये कमान तीन गुणों अर्थात् सतोगुण, रजोगुण, तमोगुण में आ जाती है। द्वापर में ये नियंत्रण अद्वैत से द्वैत में बँट जाता है। और कलयुग में ये डोर दसवीं गली यानी तीसरेतिल पर बंध जाती है। -परम पूज्य सदगुरुश्री