Facebook Updates

दसवें द्वार के परे एकादश द्वार मानसरोवर में स्नान करके सुरत (आत्मा) जीवन मरण के फंदे…

दसवें द्वार के परे एकादश द्वार मानसरोवर में स्नान करके सुरत (आत्मा) जीवन मरण के फंदे…

दसवें द्वार के परे एकादश द्वार मानसरोवर में स्नान करके सुरत (आत्मा) जीवन मरण के फंदे से निर्मुक्त हो जाती है। यही सच्ची एकादशी है। इसे ही मोक्ष कहते हैं। और मोक्ष को गुरु की दया लेकर जीते जी ही प्राप्त किया जा सकता है। मरने के बाद कुछ नही मिलता। -परम पूज्य सदगुरुश्री..

Read More

सवाल जवाब: लाल किताब के इस उपाय से आएगी यश और समृद्धि, मंत्र से मिलेगी मुक्ति

सवाल जवाब: लाल किताब के इस उपाय से आएगी यश और समृद्धि, मंत्र से मिलेगी मुक्ति

navbharattimes.indiatimes.com सवाल जवाब: लाल किताब के इस उपाय से आएगी यश और समृद्धि, मंत्र से मिलेगी मुक्तिसप्ताह का ज्ञान गृह क्लेश में अक्सर वास्तु दोष की बड़ी भूमिका होती है। रसोई घर यदि ईशान्य कोण में हो, तो यह परिवार म…..

Read More

जब सदगुरु से लौ लग जाती है और नाम से डोर जुड़ जाती है तो राधा के स्वामी का अक्स किसी…

जब सदगुरु से लौ लग जाती है और नाम से डोर जुड़ जाती है तो राधा के स्वामी का अक्स किसी…

जब सदगुरु से लौ लग जाती है और नाम से डोर जुड़ जाती है तो राधा के स्वामी का अक्स किसी सुरक्षा कवच की तरह आत्मा के साथ-साथ चलता है। तब ऊपर के कोई धनी गुरुमुखी सुरत (आत्मा) को रोक नहीं सकते। वो उस गुरुमुखी सुरत (रूह) को प्रणाम करते हैं और चढ़ाई में यथासंभव…

Read More

गुरु महाराज की आज्ञा से सुरतों के कई राज़ खोल दिए गए।

गुरु महाराज की आज्ञा से सुरतों के कई राज़ खोल दिए गए।

गुरु महाराज की आज्ञा से सुरतों के कई राज़ खोल दिए गए। वो आदेश करें तो आज ही आपको सब कुछ बता दिया जाए। आपसे वादा है कि देह सिमटने तक हुज़ूर की आज्ञा से बहुत कुछ ज़ाहिर कर दूँगा। अगर आप गुरुमुखी हो जाएँ तो दिखा भी दूँगा। लेकिन ज़रा उन गद्दी-गद्दे पर बैठे…

Read More

स्थूल देह में सुरत यानी आत्मा दोनों आँखों के मध्य आज्ञा चक्र पर विराजमान है। आत्मा य…

स्थूल देह में सुरत यानी आत्मा दोनों आँखों के मध्य आज्ञा चक्र पर विराजमान है। आत्मा य…

स्थूल देह में सुरत यानी आत्मा दोनों आँखों के मध्य आज्ञा चक्र पर विराजमान है। आत्मा यहाँ से उतरकर छः दल के मृत्यु कँवल और अंतःकरण से होती हुई देह की समस्त इंद्रियों तक फैल जाती है। -परम पूज्य सदगुरुश्री

Read More

एक समर्थ गुरु तुम्हारी आंतरिक क्षमता को जगाकर तुम्हें बुद्ध और महावीर बना देता है। ज…

एक समर्थ गुरु तुम्हारी आंतरिक क्षमता को जगाकर तुम्हें बुद्ध और महावीर बना देता है। ज…

एक समर्थ गुरु तुम्हारी आंतरिक क्षमता को जगाकर तुम्हें बुद्ध और महावीर बना देता है। जैसे सूखे हुए रंगों में जब हम जल या तेल मिश्रित करते हैं तब रंग एक अनोखी कृति को रूप देने के लिए तैयार हो जाते हैं । अन्यथा उन सूखे हुए रंगों से चित्र बनाना नामुमकिन सा है। सदगुरु…

Read More