संदेह तेज़ाब है। यह सारे रिश्ते-नातों को नष्ट कर लौकिकता को तो छीन ही लेता है, अंतर के आकाश को भी मलीन करके आध्यात्म के पवित्र पथ से भी विमुख कर देता है।-सदगुरुshri..


तुम्हें पानी तब तक न मिल सकेगा जब तक प्यास गहरी न होगी। जब प्यास बहुत ज़्यादा होगी तब ध्यान सिर्फ़ पानी पर होगा, न कि इधर-उधर।अगर तुम्हारा ध्यान पानी के साथ पानी के बर्तन, गिलास, बोतल, कुएँ, तालाब, नदी या उसके रख-रखाव, सफ़ाई- गंदगी पर जाए तो समझ लेना कि तुम्हारी प्यास अभी पकी…

महात्माओं को तो तुमने घर की मुर्गी समझ लिया है। जब चाहते हो समर्पित हो जाते हो, जब चाहो संदेह करने लगते हो। स्वार्थ हुआ तो प्रेम से भर जाते हो, और स्वार्थ सिद्ध नहीं हुआ तो घृणा कर बैठते हो। उनके हर वचन, हर कर्म पर नुक्ताचीनी करते रहते हो।जितनी तुम उनकी परीक्षा लेते…


Navbharat Times Mumbai Sunday, 16th February 2020http://epaper.navbharattimes.com/details/93731-73046-1.html

प्रेमियों पर अपना स्नेहाशीष अर्पित करते हुए परम पूज्य सदगुरुश्री।

रूहानियत की अनकही, अनछुई, अनोखी दास्ताँ जो दर्ज नहीं है हमारी पवित्र पुस्तकों में भी।https://youtu.be/1YRMHgfrHIE सदगुरुश्री जयगुरुदेव सनसनीखेज़ रहस्य आध्यात्म काजाने वो जो नहीं लिखा किताबों ने। आध्यात्म का सनसनीखेज़ रहस्य जाने सदगुरुश्री से।

·Gaya, India·

परम पूज्य सदगुरुश्री प्रेमियों के पास जाकर उन्हें जन्मों जन्मों की नींद से जगाते हुए।

भगवान अपने भक्तों के घर जाकर उन्हें जन्मों जन्मों की नींद से जगाते हुए। परम पूज्य सदगुरुश्री प्रेमियों के घर उन्हें दर्शन देते हुए।