बनारसी संगीत परंपरा में चैती, कजरी, टप्पा, ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल की प्रख्यात गायिका पद्मshri डॉक्टर सोमा घोष जी ने आज परम पूज्य सदगुरुश्री के चरणों में अपने सुर अर्पित किए। भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा जी के आवास पर उनके कंठ से प्रस्फुटित सुरों के आरोह-अवरोह ने अदभुत समा बांध दिया। परम पूज्य…More



आपके भीतर विराजमान देवी जया और विजया का पर्व है विजयादशमी। यह आपके सप्त सुप्त चक्रों पर आसीन नौ आंतरिक शक्तियों के बोध का काल है।अश्विन माह की दशमी को तारा उदय होने से दशहरे पर सर्वकार्य सिद्धिदायक विजय योग बनता है। स्वयं की दसों इन्द्रियों पर विजय पाना ही दशहरा है। ख़ुद को जीतने…

अश्विन माह की दशमी को तारा उदय होने से सर्वकार्य सिद्धिदायक योग बनता है। स्वयं की दसों इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर साधन-भजन में उन्नति के लिए यह काल सर्वश्रेष्ठ है। दशहरा और दशरथ एक जैसे शब्द हैं। दोनों में दस है। दस से अभिप्राय है दस इन्द्रियां। पांच ज्ञानेन्द्रियाँऔर पांच कर्मेन्द्रियाँ।इन्ही…More

Albumव्रत, पर्व, त्योहार, उपासनानवभारत टाइम्स मुम्बई मंगलवार 8 अक्टूबर 2019http://epaper.navbharattimes.com/details/65585-48816-1.html·

जया और विजया को आत्मसात करने का पर्व विजयादशमी यानी दशहरा दरअसल नवरात्रि के नौ पावन दिनों के पश्चात् ख़ुद पर विजय पाकर स्वयं के पुनर्परिचय का महाकाल है। विजयादशमी अपने ही भीतर के सप्त सुप्त चक्रों पर आसीन नौ ऊर्जाओं और अपनी बाह्य शक्ति से नौ गुनी अधिक आंतरिक क्षमता के बोध से सर्वत्र…

सिद्धिदात्री बाहर नहीं आपके भीतर विराजती है।यह सहस्त्रार चक्र की उच्च ऊर्जा है। सिद्धिदात्री अपनी अष्टसिद्धियों, अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्यप, ईशित्व और वशित्व की सहायता से हमें बंकनाल तक सदगुरु में मिलाकर इस निचली परत के ऊपर मोक्ष की ओर गति प्रदान करती है।-सदगुरुश्री

जयगुरुदेवमहासत्संगपरम पूज्य सदगुरुश्री के पावन सानिध्य में।


navbharattimes.indiatimes.com सवाल जवाब: जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए नवरात्र में करें यह साधनासप्ताह का ज्ञान अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को तारा उदय होने से सर्वकार्य सिद्धिदायक विजय मुहूर्त निर्मित हो….