बच्चों के ढेर सारे खिलौने जमा हो गये हैं. इन्हें रखने की सही दिशा क्या है? जाने परम पूज्य सदगुरुश्री से इसका उत्तर, और बहुत कुछ। https://www.prabhatkhabar.com/news/jyotish-paramarsh/astrology-jyotish-paramarsh-sadguru-swami-anand-ji-astrology-news/1319102.htmlक्या अमावस्या को तेल से मालिश नहीं करनी चाहिए? जानें क्या कहते हैं सद्गुरु स्वामी आनंद जीसद्गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं…


अपनी समस्या का सरल समाधान जाने परम पूज्य सदगुरुश्री से। भारत के सर्वश्रेष्ठ अख़बार नवभारत टाइम्स में, रविवार 18 अगस्त 2019. http://epaper.navbharattimes.com/details/53508-76675-1.html

इस जगत में सब कुछ अस्थायी है। आप यहां मुसाफ़िर हो। महज़ एक यात्री।आप अमर नहीं हो। जब यात्रा का एक राउंड, एक वर्तुल पूरा होगा, तो आपको लौट जाना पड़ेगा। आपकी देह नष्ट हो जायेगी। आपने यहां जो कुछ भी जोड़ा.. जमा किया, सब यही छूट जायेगा। पर कर्म के फल चिपक जायेंगे।जिसे हज़ारों…

Jai gurudev. जयगुरुदेव 🙏🙏💐🙏🙏 Jai guru dev Jai guru dev

रक्षाबन्धन का क्या है अर्थ जाने परम पूज्य सदगुरुश्री से रुहानी महासत्संग में।

https://www.prabhatkhabar.com/news/shaubh-mahurut/rakhi-raksha-bandhan-rakhi-time/1318409.htmlअमृततुल्य समय में भाई की कलाई में बांधे राखी, जानें रक्षा सूत्र बांधने का सही वक्तसदगुरुस्वामी आनन्द जी रक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष श्रावण और धनिष्ठा नक्षत्र के साए में मनाया जा रहा है. पूर्णिमा यूं…

https://www.prabhatkhabar.com/news/dharam-karam/rakhi-raksha-bandhan-2019/1318410.htmlआत्म शक्ति के जागरण का महापर्व है रक्षाबंधनसदगुरु स्वामी आनन्द जी आत्मिक ऊर्जा के विस्तार व अपने भीतर के अनावश्यक भय को मिटाने का पर्व है श्रावण मास की पूर्ण…..

अंतर्यामी महापुरुष सदगुरुश्री ने एक साल पहले ही डंके की चोट पर कह दिया था कि हटेगी धारा 370. देखें गुरुवार, 15 अगस्त 2019 नवभारत टाइम्स मुम्बई पेज 4 की ये रिपोर्ट। http://epaper.navbharattimes.com/details/52850-68169-1.html http://epaper.navbharattimes.com/details/52850-68168-1.html

नवभारत टाइम्स मुम्बई, गुरुवार 15 अगस्त, 2019 http://epaper.navbharattimes.com/details/52848-73690-1.html

तुम कष्ट में इसलिये हो क्योंकि तुम्हे अपना, अपने स्व का, अपने प्रभु का, और उस नाद का बोध खो गया है, जो तुम्हारा आधार है। नाद और शब्द तुम्हारे अंदर हर पल उतरते ही रहते हैं।वो तुम्हारे पास खिंचे चले आते हैं, जैसे तुम उनके केंद्र में हो। पर तुम उन अन्दर के महाशब्दों…