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अपने भीतर जाने का द्वार बहुत सूक्ष्म है। इसमें बड़ा बनकर नहीं छोटा, तुच्छ,…

अपने भीतर जाने का द्वार बहुत सूक्ष्म है। इसमें बड़ा बनकर नहीं छोटा, तुच्छ,…

अपने भीतर जाने का द्वार बहुत सूक्ष्म है। इसमें बड़ा बनकर नहीं छोटा, तुच्छ, सहज और समर्पित होकर ही प्रविष्ट हुआ जा सकता है। यदि नाराज़गी, संदेह, बेचैनी और सवालों के बड़े बड़े बोझ लादे रहोगे तो अपने भीतर कभी न जा सकोगे और साधना के अप्रतिम अनुभव से वंचित रह जाओगे। -Saddguru Shri

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तुम पहले तो जन्मों के कर्मों के ज़ख़ीरे और मैल को क्षण में नष्ट…

तुम पहले तो जन्मों के कर्मों के ज़ख़ीरे और मैल को क्षण में नष्ट…

तुम पहले तो जन्मों के कर्मों के ज़ख़ीरे और मैल को क्षण में नष्ट होने की अजीब कामना करते हो। स्वयं को ढेरों झमेले में उलझाए रहते हो। ख़ुद को जगत में बांधे रखते हो। ज़ेहन में सैकड़ों सवाल और सन्देह का बोझ रखते हो। फिर मन के हाथों फंस कर सदगुरु से ख़ुद ही…

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मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे पास आओ। मैं ये भी नहीं चाहता कि…

मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे पास आओ। मैं ये भी नहीं चाहता कि…

मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे पास आओ। मैं ये भी नहीं चाहता कि तुम मेरे आगे पीछे भीड़ लगाओ। मैं ऐसा भी नहीं चाहता कि तुम अपनी सेवा के द्वारा अपने कर्म मेरे सर लादो। मैं बस ये चाहता हूँ कि तुम अपनी मृत्यु के पहले तुम स्वयं को जान लो, अपनी असीमित क्षमता…

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मेरा न कोई मठ है, न आश्रम। मैं न सेवा जमा करता हूँ, ना…

मेरा न कोई मठ है, न आश्रम। मैं न सेवा जमा करता हूँ, ना…

मेरा न कोई मठ है, न आश्रम। मैं न सेवा जमा करता हूँ, ना ही भीड़ इकट्ठा करना चाहता हूँ। फिर मेरा होना क्या है और क्यों है? ज़रूर सोचना। जब तुम साधन-भजन में बैठोगे और अंतर में उतरोगे, तभी मुझे जान भी पाओगे और पहचान भी सकोगे। -सदगुरुश्री

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जब जब तुम्हें महसूस हो कि तुम्हारा कोई नहीं है, तब तब तुम ध्यान…

जब जब तुम्हें महसूस हो कि तुम्हारा कोई नहीं है, तब तब तुम ध्यान…

जब जब तुम्हें महसूस हो कि तुम्हारा कोई नहीं है, तब तब तुम ध्यान में बैठ कर देखो, तुम मुझे अपने पास पाओगे। मेरी परीक्षा ले के तो देखो। -सदगुरुश्री

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सन्देह क्यों करते हो। मैं तुमसे कुछ लेने तो आया हूँ नहीं। कुछ देके…

सन्देह क्यों करते हो। मैं तुमसे कुछ लेने तो आया हूँ नहीं। कुछ देके…

सन्देह क्यों करते हो। मैं तुमसे कुछ लेने तो आया हूँ नहीं। कुछ देके ही जाऊँगा। वैसे भी तुम्हारे पास मुझे देने के लिए तुम्हारा है ही क्या? जो कुछ भी है वो प्रभु का है। पर अगर तुमने शक-सुबहे में श्वासों बेशक़ीमती पूँजी और इस अनमोल घड़ी को गंवा दिया तो जीती बाज़ी हार…

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सवाल जवाब : शहद का यह लाभ कम लोग जानते हैं, वैवाहिक जीवन के…

सवाल जवाब : शहद का यह लाभ कम लोग जानते हैं, वैवाहिक जीवन के…

https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/others/astro-and-spirituality-related-answer-and-remedy-by-sadguru-swami-anand-ji-49-60811/सवाल जवाब : शहद का यह लाभ कम लोग जानते हैं, वैवाहिक जीवन के लिए भी फायदेमंदसप्ताह का ज्ञान – दूसरों की आलोचना अपना मान भंग करके आर्थिक कष्ट को आमंत्रित कर ढेरों संकटों का कारक बनती है। हमार…..

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ज्योतिषीय समाधान: ज्योतिष सच्चा है या काल्पनिक? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद…

ज्योतिषीय समाधान: ज्योतिष सच्चा है या काल्पनिक? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद…

https://www.prabhatkhabar.com/news/jyotish-paramarsh/jyotish-paramarsh-jyotish-paramarsh-sadguru-swami-anand-ji-astrology/1287299.htmlज्योतिषीय समाधान: ज्योतिष सच्चा है या काल्पनिक? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जीसद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर…

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