जयगुरुदेव एक सत्संगी की कहानी बात 1994 की है।जब श्री मती खटुबाई छगन पाटील जी अपने बड़े भाई से प्रेरित होकर मालिक से नामदान लेना चाहती थी।लेकिन उनके पति श्री छगन पोलाद पाटिल बहोत ज़्यादा शराब पिया करते थे।शराब के नशे में धुत उनको कभी अपनी पत्नी की कोई बात ठीक से समझ ही न…


जयगुरुदेव एक सत्संगी की कहानी बात 1994 की है।जब श्री मती खटुबाई छगन पाटील जी अपने बड़े भाई से प्रेरित होकर मालिक से नामदान लेना चाहती थी।लेकिन उनके पति श्री छगन पोलाद पाटिल बहोत ज़्यादा शराब पिया करते थे।शराब के नशे में धुत उनको कभी अपनी पत्नी की कोई बात ठीक से समझ ही न…