जयगुरुदेव प्यारे साहेब पधारो अब आँगन में हमारे तख तख तुम्हरी वाट हम हारे वंदन चरण कमल को तिहारे नैना तुमको ,बिन झपके निहारे पुलकित पुष्प हृदय के हमारे चहुँ दिस बरसे अनुपम तारे देख तुम्हे मन हर्षित इतना सब भाव मिलन के कैसे निकारे आज इतने लम्बे इंतज़ार के बाद वो घड़ियां आ ही…