Saddguru ShriYesterday at 4:54 AMपरम पूज्य सदगुरुश्री ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि आने वाले समय में व…िश्व के बड़े बड़े लोगों और शक्तिशाली व्यक्तियों को कष्ट होगा और उन्हें क्षति पहुँचेगी। आज खबर आई है कि अमेरिका के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी दोनों गंभीर रूप से करोना पॉज़िटिव हैं। See More


Saddguru ShriYesterday at 3:49 AMगुरु महाराज ने एक करोड़ लोगों को टाट पहनाया। टाट साधना का बाना है। य…ही बलकल वस्त्र है, जिसे पहन कर श्रीराम ने वनवास किया और श्रीकृष्ण ने तपस्या की। इसे पहनने के बाद मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार का सुरत पर असर न्यूनतम हो जाता है। न धोने की चिन्ता,…

Saddguru ShriYesterday at 10:24 PMसदगुरु सदा तुम्हारे पास है, तुम्हारे साथ है, तुममें ही है। वह तुम्हा…री हर बात सुनता है। तुम्हारे हर कष्टों का समाधान करता है। तुम पर हर पल दया कर रहा है। सदगुरु को अंतर में पुकारो। तुम उसकी मेहर अपने भीतर महसूस करोगे। See More

Saddguru ShriYesterday at 10:24 PMसदगुरु सदा तुम्हारे पास है, तुम्हारे साथ है, तुममें ही है। वह तुम्हा…री हर बात सुनता है। तुम्हारे हर कष्टों का समाधान करता है। तुम पर हर पल दया कर रहा है। सदगुरु को अंतर में पुकारो। तुम उसकी मेहर अपने भीतर महसूस करोगे। See More 23 सितंबर से राहु- केतु…

Saddguru ShriYesterday at 9:08 PMआपकी गाड़ी बिलकुल ठीक है फिर भी गति नहीं पकड़ रही है तो गौर से मुआयन…ा कीजिए। शायद हैंड ब्रेक लगा होगा। यदि आपको अंतर में सदगुरु की दया महसूस नहीं हो रही है तो स्वयं का सूक्ष्म निरीक्षण कीजिए। आपने ज़रूर बाहरी कारनामों का कोई न कोई ब्रेक लगा रखा…

Saddguru ShriYesterday at 2:03 AMजो स्वयं से नही दूसरों से रूठता है, अकड़ता, नाराज़ होता है, बाहरी जग…त और लोगों की गतिविधियों व हरकतों से प्रभावित होता है, वो नादान मन के वशीभूत है। इसका अर्थ है कि उसकी यात्रा की दिशा बाहर की ओर है। अब वो अपने भीतर कैसे जा सकेगा? बिना दिशा…

Saddguru ShriYesterday at 2:03 AMजो स्वयं से नही दूसरों से रूठता है, अकड़ता, नाराज़ होता है, बाहरी जग…त और लोगों की गतिविधियों व हरकतों से प्रभावित होता है, वो नादान मन के वशीभूत है। इसका अर्थ है कि उसकी यात्रा की दिशा बाहर की ओर है। अब वो अपने भीतर कैसे जा सकेगा? बिना दिशा…

Saddguru ShriYesterday at 2:46 PMपंचभौतिक देह मिटने के बाद दैहिक जीवन में बने प्रियजन, प्रियतम व प्रि…य वस्तुओं के बिछोह के साथ अस्थायी शरीर की स्थिति प्रेत है। पंचभौतिक देह के त्याग के बाद रूह में देह नष्ट होने के बाद भी काम, क्रोध लोभ, मोह, अहंकार, तृष्णा औरक्षुधा शेष रह जाती है। सपिण्डन के…

Saddguru ShriYesterday at 2:46 PMपंचभौतिक देह मिटने के बाद दैहिक जीवन में बने प्रियजन, प्रियतम व प्रि…य वस्तुओं के बिछोह के साथ अस्थायी शरीर की स्थिति प्रेत है। पंचभौतिक देह के त्याग के बाद रूह में देह नष्ट होने के बाद भी काम, क्रोध लोभ, मोह, अहंकार, तृष्णा औरक्षुधा शेष रह जाती है। सपिण्डन के…

Saddguru ShriYesterday at 1:15 PMये मृत्युलोक आपका घर नही है। यहाँ से तो आपको एक दिन जाना पड़ेगा। आप …जहां से आए हो, वो सच खंड है। वो सत्त का लोक है। आपका निज धाम है। ये नीचे के सारे मसाले, रस, रसायन सब आपके धाम से ही नीचे उतरे गए। आपका लोक बहुत विलक्षण…